सौतन

सौतन 1 .सखी सौतिया डाह ने ,सब सुख धर दी आज l बैठ गयी चुपचाप मैं, छेड़ ना कोई राग ll 2. लाख बचाऊँ सौत से, चला उसी का मंत्र l साम दाम में दक्ष है, करे बड़ा षडयंत्र ll 3. कब कैसे सौतन बनी, ये बंशी की तान l नटवर मेरे साँवरे, बसे उसी में प्राण ll 4. पिया सेज सुख भोगती, सौतन हर दिन वार l आस...